मुजफ्फरपुर, मई 6 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। 54 साल पहले वर्ष 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई छिड़ी थी तो जिले के लोग भी इस युद्ध में हर तरह से जुड़े थे। सावधानियों से लेकर उस समय के माहौल के गवाह बने शहर के लोगों ने अपनी यादों को हिन्दुस्तान के साथ साझा किया। बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो तब बच्चे रहे होंगे और अब वृद्ध या प्रौढ़ हैं। शहर में उस समय तमाम दुश्वारियों के बावजूद जोश ऐसा था कि विजय हमारे ही हाथ लगनी है। शहर के युवाओं में सैनिकों के लिए खून देने की तब होड़ लगी थी। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. महेन्द्र मधुकर व शिक्षाविद् शशिकांत झा उन दिनों की यादों को साझा करते हुए कहते हैं कि तब देशभक्ति का आलम यह था कि चाहे वह किसी भी उम्र या किसी भी क्षेत्र से जुड़े लोग हों, सबकी जुबान पर एक ही बात कि विजय तो हमारी होगी। 1971 के युद्ध मे...
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