वाराणसी, फरवरी 20 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। शहनाई के प्रभाव से सैक्सोफोन वादन को नया आयाम मिला है। वर्तमान में कई ऐसी धुनें हैं जो शहनाई और सैक्सोफोन पर समान रूप से बजाई जा रही हैं। इसका श्रेय भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को जाता है। ये बातें विश्वविख्यात सैक्सोफोन वादक लार्स मॉलर ने कहीं। वह गुरुवार को सिगरा स्थित डब्लूएच स्मिथ स्कूल में व्याख्यान दे रहे थे। सांगीतिक संस्था कला प्रकाश की धरोहर शृंखला के अन्तर्गत आयोजित व्याख्यान में लार्स मॉलर ने कहा कि भारत के पारंपरिक वाद्य शहनाई ने पाश्चात्य वाद्य सैक्सोफोन को काफी प्रभावित किया है। यही नहीं भारत रत्न पं. रविशंकर, सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान ने अपनी कला से जैज़ संगीत को भी प्रभावित किया है। विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए लार्स मॉलर ने उन्हें सैक्सोफोन की बारीकिय...