नई दिल्ली, नवम्बर 21 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट के एक फैसले को बरकरार रखा। हाईकोर्ट ने 2020 में कोविड महामारी के दौरान मरने वाले एक व्यक्ति का शव कब्र से निकालकर उसके पारिवारिक कब्रिस्तान में दोबारा दफनाने की अनुमति देने वाले सिंगल जज के आदेश को रद्द कर दिया था। जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ मद्रास हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली मृतक की पत्नी की याचिका पर सुनवाई की। पीठ ने दखल देने से इनकार कर दिया और कहा कि महामारी के समय स्थिति अलग थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने पति की मौत के चार साल बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पीठ ने कहा कि कहा कि अगर वह ऐसी प्रार्थना की अनुमति देता है, तो कई और मामले सामने आएंगे। पीठ ने कहा कि हमें हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने का कोई...