मुजफ्फरपुर, अक्टूबर 5 -- मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। शरद पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सुख शांति भवन में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वैद्य ललन तिवारी ने शरद पूर्णिमा के आरोग्यप्रद महत्व की विस्तार से चर्चा की। कहा कि इस रात में औषधीय गुण चांद में प्रकट होता है। डॉ. बीएल सिंघानिया ने शरद पूर्णिमा के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. रामजी प्रसाद ने इसकी वैज्ञानिकता का उल्लेख किया। राजयोगिनी बीके कंचन ने कहा कि यह रात महारास की रात के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होती है। शरद पूर्णिमा का महारास आत्मा और परमात्मा के मिलन का है। जब आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है तो आत्मा 16 कला संपूर्ण बन जाती है। साहित्यकार डॉ. संजय पंकज ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक परंपरा...