भदोही, अक्टूबर 6 -- भदोही, हिन्दुस्तान संवाद। शरद पूर्णिमा छह अक्तूबर को होगी। सोमवार को रात में आकाश से अमृत की वर्षा होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा को रात में खीर को बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखकर सुबह सेवन करने से वह लाभकारी होती है। एक महीने में चंद्रमा जिन 27 नक्षत्रों में भ्रमण करता है, उनमें ये सबसे पहला है और आश्विन नक्षत्र की पूर्णिमा आरोग्य देती है। धर्म के जानकार गुरु वरदान ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन पूजन करने से माता लक्ष्मी की कृपा मानव पर बनी रहती है। इसे आयुर्वेद के लिहाज से भी स्वास्थ्य के लिए उत्तम माना जाता है। ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन और भाद्रपद मास में शरीर में पित्त का जो संचय हो जाता है। शरद पूर्णिमा की शीतल धवल चांदनी में रखी खीर खाने से पित्त बाहर निकलता है।

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