नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, मार्च 9 -- दिल्ली के जामिया इलाके में वर्ष 2019 में हुए दंगे के मामले में आरोपी शरजील इमाम पर आरोप तय करते हुए अदालत ने कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। अदालत ने कहा है कि वरिष्ठ पीएचडी छात्र होने के चलते आरोपी शरजील ने अपने भाषण को चालाकी से पेश किया। शरजील ने अपने समुदाय के अलावा अन्य समुदायों का उल्लेख करने से परहेज किया, लेकिन चक्का जाम के पीड़ित सभी समुदाय के लोग थे। उसने केवल एक समुदाय के लोगों को ही चक्का जाम के लिए भड़काया। आरोपी शरजील न केवल भड़काने वाला था, बल्कि वह हिंसा भड़काने की बड़ी साजिश का सरगना भी था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह की अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि शरजील ने खुले तौर पर एक समुदाय के मन में क्रोध और घृणा की भावना पैदा की। उन्हें उत्तर भारत के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर व्यवधान ...