इटावा औरैया, फरवरी 15 -- साम्हों, संवादाता। गुरुवार को इस्लामी आठवें महीने शाबान उल मोअज्जम की चांद की 14 तारीख को सुबह से ही लोग शब-ए-बरआत की तैयारियों में जुटे रहे। कब्रिस्तान से लेकर मस्जिद और मदरसे में जलसों का आयोजन हुआ। लोगों ने कब्रिस्तानों में जाकर अपने पुरखों की कब्रों को ठीक कर रंगाई पुताई की। सुबह से ही कुछ लोगों ने अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर इबादत करना शुरू कर दिया। शाम को मगरिब की नमाज के बाद कब्रों पर गुलपोशी और चिरागा किया और उनकी मगफिरत के लिए दुआ की। यह सिलसिला शुक्रवार सुबह फज्र की नमाज तक चलता रहा। हालांकि शब-ए-बारात की तैयारियों में मुस्लिम समाज के लोग कई दिन से जुटे थे। कस्बा स्थित बड़ी जामा मस्जिद सहित कई स्थानों पर बिजली जाने पर जेनरेटरों की भी व्यवस्था की गई। क्षेत्रवासियों ने आपसी सहयोग से कब्रिस्तान में भी ब...