किशनगंज, मार्च 23 -- फारूक आजम, किशनगंज। रहमत और बरकत का पाक महीना रमजान अब कुछ ही दिन शेष रह गया है। माह-ए-रमजान का आखिरी अशरा चल रहा है। रमजान का अंतिम दस दिनों का तीसरा अशरा निजात यानी जहन्नम से छुटकारे का होता है। अल्लाह ने तीसरे अशरे में रमजान की आखिरी दस रातें जहन्नुम की आग से रिहाई और निजात के लिए बख्शा है। इस अशरे की पांच रातों में अल्लाह की खास रहमत होती है। मौलाना इनतखाबुर रहमान ने बताया कि जार महीनों से बेहतर है शब-ए-कद्र की रात माह-ए-रमजान के 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं और 29वीं रात में तलाश किया जाता है। मुसलमान इन रातों में अधिक से अधिक अल्लाह का इबादत करते हैं। अल्लाह ने शब-ए-कद्र की इन रातों को मगफिरत के लिए बख्शा है। आखरी अशरे की दस रातों में शब-ए- कद्र की 21, 23, 25, 27 और 29वीं रात की खास अहमियत है। इन पांच रातों में से ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.