अमरोहा, जुलाई 10 -- शोहदा-ए-कर्बला के सोयम पर मंगलवार रात शब्बेदारी का आयोजन किया गया। बाहर से आईं मातमी अंजुमनों ने नोहाख्वानी और सीनाजनी कर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। कस्बे के मोहल्ला सादात स्थित इमामबारगाह अबू तालिब में इस सिलसिले में मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें मर्सियाख्वानी शाहपुर सिरपुड़ा से आए फूल मियां व हमनवां ने की जबकि पेशख्वानी मारूफ सिरसवी, वासिफ बाकरी, जॉन बाकरी ने की। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना कामरान हैदर ने कहा कि कर्बला की दास्तां हर इंसान को इज्जत के साथ जीने का सबक देती है। जालिम चाहे कितना भी ताकतवर क्यों न हो, एक अच्छा इंसान जालिम के जुल्म को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। मजलिस के बाद नोहाख्वानी और सीनाजनी का दौर चला। अंजुमन तंजीमे हुसैनी के साहिब-ए-बयाज अकबर मेहंदी व मोहम्मद जामिन, अंजुमन लश्करे हुसैनी मे...
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