नई दिल्ली, अक्टूबर 3 -- हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह दो बार प्रदोष व्रत का आयोजन होता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में। जब यह व्रत शनिवार के दिन पड़ता है, तो इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत इस वर्ष 4 अक्टूबर, शनिवार को पड़ रहा है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और शनि दोष से राहत मिलती है।पूजा का मुहूर्त त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 04, 2025 को 05:09 पी एम बजे त्रयोदशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 05, 2025 को 03:03 पी एम बजे प्रदोष पूजा मुहूर्त - 06:24 पी एम से 08:49 पी एम अवधि - 02 घण्टे 25 मिनट्स दिन का प्रदोष समय - 06:24 पी एम से 08:49 पी एमपूजा-विधि शनि प्रदोष व्रत के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ...