प्रयागराज, मई 28 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि किसी से शत्रुता लाइसेंस निरस्त करने का आधार नहीं हो सकता। केवल आपराधिक मुकदमा दर्ज होने पर भी शस्त्र लाइसेंस निलंबित या निरस्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि आयुध अधिनियम की धारा 17(3) में दी गई शर्तों के आधार पर ही शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है लेकिन ऐसा करते समय डीएम को कारण बताना होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने देवेन्द्र सिंह की याचिका पर अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह को सुनने के बाद याचिका स्वीकार करते हुए दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने याची का शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के डीएम हापुड़ के आदेश और उसके विरुद्ध अपील में मंडलायुक्त मेरठ के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। साथ ही डीएम हापुड़ को दो माह में नए सिरे से आदेश करने का निर्देश दिया है। कोर्...