गंगापार, मई 26 -- नियमित आठ घंटे रोस्टर के बावजूद शटडाउन और ब्रेक डाउन के चलते आम लोग अक्सर बिन बिजली बेहाल रहते हैं। गर्मी शुरू होने के बाद से ही 24 घंटे में आठ, दस घंटे भी बिजली लगातार नहीं मिल पाती। बिना बिजली पेयजल समूहों से पेयजल की आपूर्ति भी बाधित रहती है। जर्जर तार और कटियामारी के चलते लोड अधिक होने के वजह से अक्सर तकनीकी गड़बड़ी के चलते बिजली बाधित होती है। मांडा क्षेत्र के 69 ग्राम पंचायतों के 193 गांवों में विद्युत आपूर्ति के लिए 1964 में मांडा रोड विद्युत उपकेंद्र की स्थापना हुई। उसके बाद 1993 से 2013 तक हाटा, भारतगंज, सुरवांदलापुर और नेवढ़िया उपकेंद्र की स्थापना की गई। बढ़ते उपभोक्ताओं की संख्या के बावजूद समूचे क्षेत्र में 1964 से अब तक भारतगंज कस्बे के अस्सी प्रतिशत भाग को छोड़कर कहीं भी विद्युत तारों का नवीनीकरण नहीं हो पाय...
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