नई दिल्ली, सितम्बर 19 -- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक मामले में 39 साल की कानूनी लड़ाई के बाद 100 रुपए की रिश्वतखोरी के आरोप में बरी कर दिया है। ये शख्स मध्य प्रदेश राज्य परिवहन निगम के पूर्व बिलिंग सहायक जागेश्वर प्रसाद अवस्थी हैं जिनपर 100 रुपए की रिश्वत का आरोप था। साल 2004 में एक निचली अदालत ने रिश्वत मांगने के आरोप में उन्हें एक साल की सजा सुनाई थी। हालांकि अब हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव के चलते इस फैसले को पलटते हुए बरी कर दिया है। मामला 1986 का है। प्रसाद अवस्थी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बकाया राशि चुकाने के लिए कर्मचारी अशोक कुमार वर्मा से 100 रुपये की रिश्वत मांगी थी। एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, तत्कालीन लोकायुक्त ने फिनोलफ्थलीन-लेपित करेंसी नोटों का इस्तेमाल करके एक जाल बिछाया। अवस्थी नोटों के साथ पकड़े गए, लेकिन हाई कोर...
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