धनबाद, अक्टूबर 1 -- धनबाद, वरीय संवाददाता हरि मंदिर अपनी पांरपरिक पूजा के लिए जाना जाता है। अष्टमी की संध्या को महाआरती से पूर्व दोपहर में मां की प्रतिमा के समक्ष हरि मंदिर प्रागंण में पारंपरिक कटार से मां के उद्घोष के साथ लौकी की बलि दी गई। एक ओर महिलाएं, दूसरी ओर पुरुष और उनकी चारों ओर ढाक बजा कर नृत्य करते ढाकिये। इधर मंदिर के अंदर मौजूद महिलाओं ने अपने मुख से निकालती उलूक ध्वनि से पूरे माहौल को विहंगम बना दिया। उलूक से बंगाली समुदाय की महिलाएं मां का आह्वान करती हैं। बलि देने के बाद बलि देने वाला यजमान कटार हाथ में लेकर आगे मां की प्रतिमा की ओर बढ़ाता है। उसके पीछे बलि दी गई लौकी लेकर प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक होकर कटार और लौकी का अर्पण करता है। पीछे-पीछे ढाकिया भी मंदिर के अंदर प्रवेश करता है। उसके प्रवेश करते ही मुख्य पुजारी शंख बजाक...