शामली, अगस्त 2 -- शुक्रवार को कैराना मार्ग स्थित माता वैष्णो देवी व नीलकंठ मंदिर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा में श्रद्धालुओं ने एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया। कथा में प्रसिद्ध दानवराज शंखचूड़ की गाथा सुनाई गई, जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथावाचक पंडित ब्रज मोहन शर्मा ने बताया कि शंखचूड़ एक परम शिवभक्त और अत्यंत तेजस्वी दानव था, जिसे भगवान विष्णु के वरदान और पत्नी तुलसी के पतिव्रत के कारण कोई देवता पराजित नहीं कर पा रहा था। लेकिन जब उसके अत्याचार बढ़ने लगे, तो स्वयं भगवान शिव ने युद्ध किया। कथा के अनुसार, धर्म की रक्षा हेतु भगवान विष्णु ने तुलसी का पतिव्रत भंग किया, और अंततः भगवान शिव ने शंखचूड़ का वध कर दिया। कथा का यह भाग धर्म, कर्तव्य और भक्ति के बीच संतुलन को दर्शाता है। इस प्रसंग में तुलसी के शाप, शंखचूड़ की व...