नई दिल्ली, अक्टूबर 23 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि व्हाट्सएप संदेश में 'अनकहे शब्द' और 'छिपे हुए संदेश' धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दे सकते हैं, भले ही संदेश में धर्म का स्पष्ट रूप से उल्लेख न किया गया हो। न्यायमूर्ति जे जे मुनीर और न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी अफाक अहमद द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कथित तौर पर धार्मिक घृणा फैलाने के आरोप में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी। रविवार को बिजनौर पुलिस ने अफाक के खिलाफ आपराधिक धमकी और शांति भंग से संबंधित बीएनएस धाराओं के तहत दूसरी प्राथमिकी दर्ज की। उसके भाई और उसके चाचा के खिलाफ अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट क...
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