नई दिल्ली, जून 19 -- दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन जज जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर होली की रात आग लगने और उनके स्टोर रूम में भारी मात्रा में अधजली नकदी मिलने के मामले में जांच करने वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय कमेटी ने पहली बार उन रहस्यों से पर्दा उठाया है, जिसकी गिरफ्त में जस्टिस वर्मा जा फंसे हैं। पहली बार उन 10 चश्मदीदों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने अपनी आंखों से भारी मात्रा में अधजले नोट देखे थे। इस जांच रिपोर्ट में कमेटी ने जस्टिस वर्मा के आचरण को संदिग्ध करार दिया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। जांच समिति ने जस्टिस वर्मा की उन बड़ी गलतियों को भी उजागर किया है, जो ना सिर्फ उनके आचरण और व्यवहार पर संदेह पैदा करता है बल्कि उन्हें नकदी कांड में संदेह के घेरे में ला खड़ा करता है। रिपोर्ट में कहा...