नई दिल्ली, नवम्बर 13 -- शास्त्रों में कहा गया है कि व्रत और दान के लिए कुछ तिथियां ही निर्धारित की गई हैं, अगर आप इन तिथियों में व्रत करते हैं और उपवास करते हैं, तो आपको इसका अक्षय फल मिलता है, इसके अलावा की तिथियों में किया गया दान व्यर्थ चला जाता है। इन तिथियों में कोई भी वैदिक कर्म किया जाए वो निष्फल कहलाता है। सबसे पहले तो सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की तिथियों की बात करते हैं। सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण में जब तक ग्रहण लगा रहे, तब तक की तिथि में जप आदि करना चाहिए। इससे बहुत लाभ होता है। ग्रहण खत्म होने के बाद दान का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। इसलिए सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को बाद दान जरूर करना चाहिए, इसे पुराणों में बहुत खास बताया गया है। कौन सी तिथियां व्रत रखने के लिए उत्तम हैं?पुराणों की मानें तो एकादशी तिथि, चाहे वो कृष्ण पक्ष...
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