भभुआ, अक्टूबर 28 -- (नुक्कड़ पर चाय/ सूर्य सरोवर) रामगढ़। व्रतियों के अर्घ्य के बाद उदीयमान सूर्य और चमकने लगे हैं। सूर्य सरोवर की सीढ़ियों पर ठेकुआ खाने में मगन मुराहू बोले कि सब लोग जमकर खाईं। काहे कि सालभर बाद ई परसादी भेंटाई। भावनाथ बोले कि त ई चुनउवो पांच साल बाद फिर आई। छठ बाद चुनावी गलचऊर का ऑफर मिला था। त एक राउंड सीढ़िए पर हो जाए। बिट्टू बोले, छठ गीत के मिठास सबके हियरा में अइसन घुल गइल बा कि परचार में भी एकर असर जरूरे झलक जाई। तभी सचिता बोले- बिल्कुल सही बोले चच्चा। भक्ति मोड से भिखारी मोड में प्रवेश करना आसान भी तो होता है। तभी डिस्को बाबू ने जनता से भीख में वोट मांगने का प्रहसन छठ गीत के सरगम में पेश कर दिया। हे मतदाता मालिक, हमरा खातिर वोटवा जुटाईं, मोरा असरा पुराईं, सुन लीं हमरो गुहार...। फिर क्या था बैठकी में ठहाका और ठिठोली के...
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