बरेली, फरवरी 12 -- आईएमए में रविवार को शिविर लगाकर मरीजों के पैरों की जांच की गई। शिविर में वैस्कुलर और एंडोवैस्कुलर सर्जरी के बारे में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने जानकारी दी। इंस्टीट्यूट आफ वैस्कुलर एंड इंडोवैस्कुलर साइंसेज सर गंगाराम अस्पताल नई दिल्ली के चेयरमैन और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. वीएस बेदी ने बताया कि डायबिटिज मरीजों में करीब 15 प्रतिशत को पैर की नसों में सूजन जैसी परेशानी हो सकती है जो समय से इलाज नहीं मिलने पर गैंग्रीन बन सकती है। ऐसे में पैरों को काटने की नौबत भी आ सकती है। जरूरी है कि पैरों में सूजन, भारीपन, कालापन हो तो इसे गंभीरता से लें और तत्काल डाक्टर को दिखाएं। सही समय पर वैस्कुलर सर्जरी हो तो पैर को काटने से बचाया जा सकता है। शिविर में डॉ. बेदी ने बताया कि हार्ट अटैक में जिस तरह स्टंट डाला जाता है, ठीक उसी तरह नसों में भी दो स...