बस्ती, सितम्बर 16 -- मखौड़ाधाम। नंदनगर चौरी में चल रहे श्रीराम कथा में कथा वाचक रामानुजा चार्य करपात्री ने कहा कि अनवरत विद्याध्ययन तथा कुशल शिक्षक का मार्गदर्शन व्यक्ति में आध्यात्मिक भौतिक अलौकिक ज्ञान को समावेशित कराता है। ज्ञान से विषय पर रुचि तथा प्रयोग से अनुराग प्राप्त होता है। यही विद्यार्थी जीवन का सच्चा दर्शन है। वैसे तो संपूर्ण जीवन ज्ञानार्जन का कालचक्र, सही दिशा में किया गया कर्म सत्कर्म बनता है। सत्कर्म से ज्ञान, ज्ञान से वैराग्य और वैराग्य से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कथा वाचक ने कहा कि भगवान राम ने शस्त्र, शास्त्र, वेद, पुराण, उपनिषद के अध्ययन के साथ ही प्रकृति और मौलिक भावनाओं का भी दर्शन किया। प्रत्येक व्यक्ति का यही स्वर्णिम काल होता है। जब वह किशोरावस्था से युवावस्था की ओर जाता है। कथा में अनिल पांडेय, राजबहादुर पांडे...