सीतामढ़ी, सितम्बर 24 -- सीतामढ़ी। आश्विन शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि मंगलवार को माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विभिन्न मंदिरों,घरों व पूजा पंडालों में हुई।इन्हे ज्ञान,तपस्या व वैराग्य की देवी माना जाता है।जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम जानकी मंदिर में संध्या आरती के समय महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी।ज्योतिषाचार्य अरुण कुमार झा बताते हैं कि कठोर साधना व ब्रह्म में लीन होने के कारण इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया है।मां ब्रह्मचारिणी अपने पिछले जीवन में एक दृढ़ तपस्वी थी।इस दिन भक्त उनके अविवाहित रूप की पूजा करते हैं।आज के दिन सफेद और लाल रंग को जोड़ने वाली पोषक पहनने की प्रथा है।साथ ही पवित्रता व भक्ति का प्रतीक है। महारानी स्थान दुर्गा मंदिर में सीताराम नाम संकीर्तन नगर के बाईपास रोड स्थित चकमहिला महारानी स्थान दुर्गा मंदिर में दस द...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.