प्रयागराज, मार्च 20 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी वेश्या का ग्राहक होना या वेश्या के साथ अनैतिक कार्य करते हुए पकड़े जाने से मानव तस्करी का अपराध साबित नहीं होता है। कोर्ट ने मानव तस्करी और अनैतिक देह व्यापार प्रतिषेध अधिनियम के तहत चल रहे मुकदमे की कार्रवाई को रद्द कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने गाजियाबाद के विपुल कोहली की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनकर दिया है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि याची को 20 मई 2024 को गाजियाबाद स्थित एलोरा थाई स्पा सेंटर में पुलिस ने छापा मार कर पकड़ा था। वह एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 370 (मानव तस्करी) तथा अनैतिक देह व्यापार प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3, 4, 5, 6 के तहत मुकदमा कायम किया गया। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्...