आजमगढ़, जून 24 -- आजमगढ़, संवाददाता। लाटघाट केशवपुर के समीर प्रकृति संग्रहालय पर सोमवार को प्रकृति और मनुष्य विषय पर विमर्श का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अनिल राय ने कहा कि वेदों में कहा लिखा है कि माता भूमि: पुत्रों अहं पृथिव्या:। यह श्लोक ही प्रकृति प्रेम का सुन्दर उदाहरण है। धरती हमारी मां है और हमारे पूर्वजों ने वेद की ऋचाओं में यह कहकर हमें अपनी मातृत्व का सम्मान करने और उसकी रक्षा करने की सीख दी है। मुख्य अतिथि प्रोफेसर हिमांशु शेखर झा ने कहा कि वैदिक काल से लेकर आधुनिक काल तक के धर्मग्रन्थ और साहित्य में मनुष्य और प्रकृति का सामंजस्य नजर आता है। लेकिन अब सामंजस्य बनाये रखने में विफल हो रहे हैं। डॉ. अमित राय ने कहा कि देवारा क्षेत्र लाटघाट पहले पिछड़े क्षेत्र के रूप में जाना जाता ...
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