गिरडीह, मार्च 9 -- देवरी, प्रतिनिधि। वेद पुराणों के बताए मार्ग पर चल कर भगवान की भक्ति एवं उनके शरणागत होने का अलौकिक सुख प्राप्त हो सकता है। जिससे वैसे मनुष्यों को जन्म-मरण के बंधन से अनिश्चित काल तक छुटकारा मिल सकता है। अयोध्या स्थित मणि राम दास छावनी के उतराधिकारी महंत संत स्वामी कमलनयन दास जी महाराज ने शनिवार को देवरी के गादीधाम स्थित रामजानकी चिंतामणि मंदिर प्रांगण में उक्त बातें कही। गादीधाम स्थित ठाकुरबाड़ी में आयोजित रामचरित मानस महायज्ञ के 61वें महाधिवेशन के अवसर पर पहुंचे महंत दास ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम एवं श्री कृष्ण सनातन परंपरा समेत पूरी मानव सभ्यता के शाश्वत परंब्रह्म हैं। वेद शास्त्रों व रामचरित मानस महाकाव्य का नियमित अध्ययन करने से ही एक उत्कृष्ट परिवार, समाज व राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना पूरी हो सक...