जमुई, मार्च 22 -- बरहट। निज संवाददाता लोहिया स्वच्छ अभियान और स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 के तहत मलयपुर पंचायत में नियुक्त स्वच्छता कर्मियों को पिछले 14 महीने से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। अब उन्हें खाने को लाले पड़ रहे हैं। यही कारण उनका होली का रंग भी फीका पड़ गया। स्थिति से परेशान होकर स्वच्छता कर्मियों ने सोमवार से डोर-टू-डोर कचरा उठाने का काम बंद कर दिया है, जिस कारण बाजार से लेकर गांव की गलियों, चौक-चौराहों तक कचरा जमा हो गया है। स्थानीय लोगों को भी इस स्थिति से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वेतन नहीं मिलने से हुआ आर्थिक संकट स्वच्छता पर्यवेक्षक सविता कुमारी ने बताया कि बहाली के समय उन्हें उम्मीद थी कि इस रोजगार से वे अपने परिवार का पालन-पोषण अच्छे से कर सकेंगे। लेकिन समय पर वेतन न मिलने...