लखीसराय, सितम्बर 29 -- बड़हिया,निज प्रतिनिधि। दशहरा के मेले में देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के साथ ही साज सज्जा का भी बड़ा योगदान होता है। जो मेले को आकर्षक और उत्सव को भव्य बनाता है। नगर अंतर्गत ऐसा ही एक पूजा स्थल है गणेश मंदिर दुर्गा। गणेश मंदिर में स्थापित होने के कारण ही इन्हें गणेश मंदिर दुर्गा के नाम से जाना जाता है। जिनकी पूजा 1952 से लगातार जारी है। इसकी शुरुआत स्थानीय निवासी नाथो साव के द्वारा की गई थी। गणेश मंदिर के भूमिदाता भी नाथो साव ही हैं। मंदिर में स्थापित होने वाली बड़े आकार की मूर्तियां भव्य और सजीव प्रतीत होती है। प्रतिमा की भव्यता, विशेष साज-सज्जा और मंदिर के समक्ष पर्याप्त परिसर ही इन्हें औरों से भिन्न बनाती है। सर्वाधिक बजट वाले पूजा स्थल हैं गणेश मंदिर दुर्गा: नाथो साव के द्वारा शुरू किए गए प्रतिमा स्थापना का कार्य अर्जु...