लखनऊ, अप्रैल 2 -- हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक निजी यूनिवर्सिटी के एक लेक्चरर को सेवा से बर्खास्त करने संबंधी आदेश को खारिज करते हुए, उसे सवेतन बहाल करने को कहा है। साथ ही याची लेक्चरर को बेवजह परेशान करने के लिए यूनिवर्सिटी पर पचास हजार रुपये का हर्जाना भी लगाया है। वहीं याची का आरोप था कि कुलपति की बेटी को कम मार्क्स देने के कारण उसे सेवा से बर्खास्त किया गया था। यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने गनी मुहम्मद खान की याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया है। याची ने युनिवर्सिटी के कुलपति द्वारा उसे हटाने संबधी 27 अगस्त 2007 के आदेश तथा कुलाधिपति द्वारा उसकी अपील को खारिज किए जाने संबंधी 13 अक्टूबर 2008 के आदेश को रिट याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी। याची का आरोप था कि उसे सिर्फ इसलिए हटा दिया गया था क्यों...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.