हजारीबाग, फरवरी 15 -- हजारीबाग, वरीय संवाददाता। जम्मू के अखनूर में आईडी ब्लास्ट में शहीद करमजीत के असमय जाने से देश भर के लोगों के साथ उनके परिवार के दिलों में जो दर्द बना है, वह शायद ही कभी भर पाए। पूरे घर में एक गहरी उदासी छाई हुई है। मां की आंखों में आंसू तो हैं, लेकिन वह खुलकर रो नहीं रही, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर वह रो पड़ीं तो करमजीत के पिता की तबीयत और बिगड़ जाएगी। बहन भी अपना दर्द छुपा रही है, वह रोना नहीं चाहती क्योंकि उसे लगता है कि ऐसा करने से घर का माहौल और ज्यादा गमगीन हो जाएगा। परिवार के सदस्य अपने भीतर ही इस गहरे दर्द को समेटे हुए हैं। करमजीत न सिर्फ होनहार था बल्कि एक हरदिल अजीज इंसान था। जो उससे बात करता वह उसका मुरीद हो जाता है। मुहल्ले की महिलाएं कहतीं कि पुनीत में सबका अपना बनने का अदभुत हुनर था। हर किसी की मदद के ल...
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