प्रयागराज, मई 8 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि बीएसए कर्मचारियों को विस्तृत आदेश (स्पीकिंग ऑर्डर) देने के बजाए आदेश का सारांश देते हैं। आदेश का सारांश विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता और मूल प्रति नहीं दी जाती है। इसकी वजह से कर्मचारियों को अदालत आना पड़ता है। कोर्ट ने ऐसा ही काम करने पर बीएसए कौशाम्बी पर दो हज़ार रुपये हर्जाना लगाया है। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने वंदना सिंह की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे का कहना था कि उन्हें केवल कार्यालय ज्ञापन दिया गया, जबकि स्पीकिंग ऑर्डर की प्रति नहीं सौंपी गई। ऐसे में यदि ज्ञापन रद्द भी हो जाए तो स्पीकिंग ऑर्डरको अलग से चुनौती देनी होगी। प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने ...