वाराणसी, अक्टूबर 28 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के वनस्पति विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने विषाक्त पर्यावरणीय प्रभाव के विरुद्ध नील हरित शैवाल की गुप्त रणनीति का खुलासा किया है। शोध में पता चला कि नील हरित शैवाल विषाक्त पर्यावरणीय तनाव को प्रबंधित करने के लिए अपने संपर्क में आने वाले प्रकाश के रंग का उपयोग एक आंतरिक संकेत के रूप में करते हैं। इस शोध को अंतरराष्ट्रीय पत्रिका 'फ्री रेडिकल बायोलॉजी ऐंड मेडिसिन' में प्रकाशित किया गया है। वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह के साथ शोध में अंजलि गुप्ता और सपना तिवारी शामिल हैं। अध्ययन से पता चलता है कि एकल प्रकाश संवेदक प्रोटीन एक परिष्कृत स्विच के रूप में कार्य करता है, जो हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसे ऑक्सीडेटिव क्षति के विरुद्ध कोशिका की सुरक्षा को निर्देशित करता है। खोज य...