रुडकी, जून 28 -- इमलीखेड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का विश्व शांति एवं सर्वकल्याण की कामना से समापन हुआ। कथा के समापन पर हवन यज्ञ और भंडारे का भी आयोजन किया गया। इस दौरान कथा वाचक पंडित अनिल शास्त्री ने कहा कि आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा। हवन-यज्ञ से वातावरण एवं वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा इस कार्यकाल में भव सागर से पार उतरने का उचित मार्ग है। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। कथा के समापन पर इमलीखेड़ा नगर पंचायत के अध्यक्ष मनोज सैनी, पंडित अनिल शास्त्री सहित अन्य भक्तों ने आरती की। कथा के समापन पर भंडारे का प्रसाद वि...