बिजनौर, जुलाई 29 -- अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती आबादी के सामने जंगल के सीमित संसाधनों को लेकर गंभीर चुनौती बनती जा रही है। राहत की बात यह है कि वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन उनके रहने और शिकार के लिए पर्याप्त जंगली भूमि सीमित है। इसके चलते बाघों का विचरण आसपास के रिहायशी इलाकों में बढ़ता जा रहा है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। अमानगढ़ वन प्रभाग उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण बाघ आवास है, जो कार्बेट टाइगर रिजर्व का बफर जोन भी कहलाता है। वहीं अलग जोन बनने के बाद से यहां बाघों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन वन भूमि के अतिक्रमण और मानवीय गतिविधियों के कारण जंगल सिकुड़ता जा रहा है। वन अधिकारियों के मुताबिक, इस क्षेत्र में अब 28 बा...