नोएडा, सितम्बर 24 -- नोएडा। छह वर्षीय हर्ष (बदला हुआ नाम) को दो हफ्ते पहले मध्यम डायरिया हुआ। अचानक निमोनिया हुआ और 15 दिन तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखना पड़ा। बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिलने के बाद बच्चा ठीक हो पाया। यह महज एक मामला नहीं, बल्कि ऐसे कई मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए आए जो दूसरी बीमारी होने के बाद फेफड़ों में भी दिक्कत हुई। डॉक्टरों का मानना है कि वायु प्रदूषण, धूम्रपान तो फेफड़ों की हालत खराब कर ही रहे हैं। कई बार सामान्य बीमारी के बाद भी मरीज को गंभीर निमोनिया हो रहा है। एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए आए रोहित (बदला हुआ नाम) को डेंगू और टायफाइड के साथ निमोनिया हो गया। उन्हें भी आईसीयू में रखकर इलाज किया गया। इंफ्लूएंजा की स्थिति में भी कई मरीज निमोनिया के चपेट में आ गए। एक मरीज एनसीआर में 20 वर्षों से रह रहा है। उसने कभी धूम...
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