शाहजहांपुर, मार्च 19 -- हमारे घर के आंगन में सबसे बड़ी संख्या में एक छोटी चिड़िया देखने को मिलती है जिसे हम गौरैया कहते हैं। यह चिड़िया बचपन से ही हमारी साथी बन जाती है। जब बच्चा कुछ समझने लगता है तो सर्वप्रथम उसको जो पक्षी देखने को मिलता है वह नन्ही चिड़िया यानी गौरैया होती है। यह नन्ही चिड़िया बच्चों के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है और अपनी मीठी आवाज से उन्हें आकर्षित करती रहती है। गौरैया बच्चों के हाथ से कई बार खाने की वस्तु भी झपटकर ले जाती है। छोटे बच्चे उन्हें पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ते हैं और वह फुर्र से उड़कर ऊपर बैठ जाती है। गांव-देहात में यह आज भी देखने को मिल जाती है। मगर शहरों में अब ऐसा नजारा शायद ही कहीं देखने को मिलता होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी गौरैया की प्रजाति कम होती जा रही है। आइए हम सब मिलकर गौरैया संरक्षण में अप...