बस्ती, मई 4 -- परशुरामपुर, हिन्दुस्तान संवाद। विश्व कल्याण और मनुष्यों में सद्भावना की परिकल्पना को साकार करने का मुख्य माध्यम श्रीरामकथा महायज्ञ है। मखौड़ाधाम में श्रीराम कथा सुनने से चारों धामों का पुण्य प्राप्त होता है। श्रद्धावान मनुष्य इंद्रियों पर संयम रखकर ब्रह्मज्ञान को प्राप्त कर सकता है। उक्त बातें मखभूमि मखौड़ाधाम में चल रही श्रीराम महायज्ञ समारोह के तीसरे दिन राम कोटि दशरथ महल अयोध्या धाम से पधारे यज्ञाध्यक्ष महंत विन्दुगद्याचार्य देवेन्द्र प्रसादाचार्य ने कही। कथा व्यास श्याम जी ने कहा की मनोरमा तट पर स्थित मखौड़ाधाम वही पावन भूमि है। यहां राजा दशरथ ने पुत्र कमेष्ठी यज्ञ संपन्न कराया था। तब चारों भाइयों समेत भगवान राम अयोध्या में जन्मे थे। इस पवित्र भूमि पर आये हर आस्थावान की मनोकामना पूर्ण होती है। इस भूमि पर श्रीराम कथा एवं...