नई दिल्ली। बृजेश सिंह, मई 18 -- दिल्ली में पहले विधानसभा और फिर नगर निगम में सत्ता गंवाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) में कलह बढ़ती ही जा रही है। संगठन विस्तार से लेकर पंजाब चुनाव की तैयारियों में जुटी 'आप' के लिए एक साथ 15 पार्षदों का इस्तीफा एक बड़ा राजनीतिक झटका है। यह न सिर्फ संगठनात्मक तौर पर पार्टी को कमजोर दिखा रहा है, बल्कि पंजाब चुनाव में जुटे शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल खड़ा कर रहा है। ऐसे में राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस तरह नेताओं के जाने के बाद आप को अपनी कार्यशैली पर विचार करने की जरूरत है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद 'आप' ने देशभर में संगठन के स्तर पर कई बड़े बदलाव किए। दिल्ली के प्रदेश संयोजक को बदला। गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ से लेकर पंजाब तक के प्रभारियों में फेरबदल किया। इतना ही नहीं, पंजाब में दोबारा सत्ता पर काब...
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