पटना, जून 25 -- भाकपा (माले) महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची का 'विशेष सघन पुनरीक्षण शुरू करने की प्रक्रिया को गंभीर बताया है। इसे एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) जैसी कवायद करार दिया है। बुधवार को जारी बयान में उन्होंने 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे किसी व्यक्ति को अपने माता या पिता में से किसी एक के भारतीय नागरिक होने और 2 जुलाई 2004 के बाद जन्मे लोगों को माता-पिता दोनों के नागरिक होने के प्रमाण देने की शर्तें लगाने की निंदा की और कहा कि इससे लाखों लोगों को उनके संवैधानिक मताधिकार से वंचित किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कवायद असम में हुए एनआरसी अभ्यास की याद दिलाती है। इस तरह की प्रक्रिया न केवल प्रशासनिक रूप से अव्यावहारिक है, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर आम जनता विशे...