रुडकी, अक्टूबर 12 -- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाने वाला अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्तूबर को रखा जाएगा। इस बार यह व्रत आर्द्रा नक्षत्र और शिवयोग में पड़ रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सोमवार का दिन और आर्द्रा नक्षत्र भगवान शिव को समर्पित होने के कारण इस व्रत में माता पार्वती के साथ भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी। ज्योतिषाचार्य राकेश शुक्ला ने बताया कि अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और रक्षा के लिए करती हैं। इस दिन माता पार्वती, भगवान शिव, गणेश जी और कार्तिकेय जी के साथ माता स्याऊ और उनके बच्चों की पूजा का विधान है। पारंपरिक रूप से घर की दीवार पर गेरू से माता स्याऊ और उनके बच्चों का चित्र बनाकर पूजा की जाती है। व्रत करने वाली महिलाएं तारों के उदय तक निर्जल व्रत रखती हैं। तारों ...