डॉ संजीव कुमार गर्ग, जनवरी 28 -- वैदिक ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से विशाखा 16 वां नक्षत्र है। यह बृहस्पति द्वारा शासित है। तुला राशि में 20 डिग्री और 30 डिग्री के बीच स्थित यह नक्षत्र तराजू और एक बर्तन द्वारा दर्शाया गया है। यह नक्षत्र सौभाग्य और व्यावसायिक सफलता से संबंधित है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग न्याय और निष्पक्षता को मजबूत भावना से मानने वाले और महत्वाकांक्षी होते हैं तथा अपने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से लक्ष्य का पीछा करते हैं। उचित मार्गदर्शन और ज्ञान के साथ इस नक्षत्र की क्षमताओं का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है। विशाखा नक्षत्र के चार चरणों का अलग-अलग प्रभाव है प्रथम चरण इस चरण का स्वामी मंगल है। इस चरण में जन्मे जातक तर्कशील एवं नीति शास्त्र में निपुण होते हैं। नई संभावनाओं और अवसरों की तलाश में सीमाओं से आगे बढ़कर जोखिम लेने...