प्रयागराज, मई 22 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाली दस्तावेजों के जरिए शादी कराने वाले गिरोह पर और घर से भागकर शादी के बाद मानव तस्करी, यौन शोषण और जबरन श्रम जैसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियम 2017 को संशोधित करने के निर्देश दिए हैं और इसके लिए छह महीने का समय निर्धारित किया है। कोर्ट ने कहा कि विवाह की वैधता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए नियम में संशोधन करने की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि सत्यापन योग्य विवाह पंजीकरण तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने शनिदेव व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने यह आदेश जाली दस्तावेजों के जरिए शादी कराने वाले संगठित गिरोह का खुलासा होने पर दिया है। कोर्ट के समक्ष घर से भागकर शादी करने वाले करीब 125 अलग-अलग मामलों की सुनवाई के दौ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.