नई दिल्ली, मई 29 -- शादी का झूठा वादा कर महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी छात्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। शीर्ष न्यायालय ने रेप केस को खारिज कर दिया है और कहा है कि दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे। खास बात है कि इस मामले में आरोप लगाने वाली महिला पहले से शादीशुदा थी। अदालत ने इस तथ्य पर भी आश्चर्य जताया है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जब महिला और युवक के बीच रिश्ता शुरू हुआ, तब वह शादीशुदा थी। हालांकि, वह पति से अलग रह रही थी, लेकिन तलाक नहीं हुआ था। कोर्ट का कहना है कि इसे शादी के झूठे वादे से जुड़ा मामला नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि जब तक संबंधों की शुरुआत से ही आरोपी की तरफ से कोई आपराधिक इरादा ना हो, तब तक सिर्फ शादी का वादा तोड़ना झूठे वादे पर रेप नहीं माना जाएगा। मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्...