नई दिल्ली, सितम्बर 20 -- सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर के सिहोरा में 1,70,000 मीट्रिक टन लौह अयस्क के मालिकाना हक को लेकर दो कंपनियों के बीच विवाद सुलझाने के लिए देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ को मध्यस्थ नियुक्त किया है। शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर विचार करते हुए यह आदेश पारित किया है, जिसमें वाणिज्यिक अदालत द्वारा अधिनियम, 2015 की धारा 12ए का पालन न करने के कारण याचिका वापस लेने का आदेश दिया था। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने यूरो प्रतीक इस्पात लिमिटेड की अपील पर सुनवाई करते हुए इस विवाद का हल निकालने के लिए पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ को मध्यस्थ नियुक्त किया है। पीठ ने कहा कि जहां तक जस्टिस चंद्रचूड़ के मध्यस्थता शुल्क का सवाल है तो यह दोनों पक्ष मिलकर तय करेंगे...