जमुई, मार्च 11 -- विलुप्त हो रही है ढोलक के थाप और होली गायन की आवाज विलुप्त हो रही है ढोलक के थाप और होली गायन की आवाज लक्ष्मीपुर, नि. स. गांव को गलियों और सार्वजनिक स्थान पर होली गाने की परंपरा समाप्त हो गई है।सरस्वती पूजा के बाद से गांव ग्राम के लोगों में होली का रंग चढ़ जाया करता था।इस दौरान शाम ढलते ही ढोलक की थाप के साथ झाल की आवाज के बीच मंदिर के खोलो किवाड़, शदा आनंदा रहे यह द्वारे,मोहन खेले होली हो जैसे कर्णप्रिय आवाज गूंजने लगता था।लेकिन अब बदलते समय में ढोलक के थाप और होली गायन की आवाज विलुप्त हो गई है।अब गांव ग्राम के युवक होली त्योहार के दौरान डी जे के धुन पर थिरकते मात्र हैं।यानि होली जैसा त्यौहार में दुश्मन भी गले मिलकर गिला शिकवा दूर किया करते थे।अब वह औपचारिक रह गया है।अब लोग खाने पीने तक सीमित रहकर होली जैसे त्यौहार मनाकर ...