छपरा, मार्च 20 -- छपरा, हिंदुस्तान संवाददाता। सारण ही नहीं बिहार में भी गौरैया विलुप्त हो रही हैं। इनके संरक्षण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाने से इनकी संख्या लगातार घट रही है। एक छोटी पर यह सामान्य घरेलू पक्षी ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पाई जाती हैं। खेतों के हानिकारक कीट खा कर किसानों के लिए हैं मददगार कृषि में इनके महत्व के बावजूद भी इनकी घटती संख्या को लेकर कोई प्लान सरकार के स्तर पर नहीं बन रहा है। खेतों में हानिकारक कीटों को खा कर फसलों की सुरक्षा करने वाली यह कीट भक्षी पक्षी किसानों की खेती में वरदान हैं। इनके रूप में कीट नियंत्रण का साधन मिलने की वजह से किसानों को कीटनाशकों पर निर्भरता कम होने में मदद मिलती है। शहरीकरण है विलुप्ति का प्रमुख कारण इनकी विलुप्ति का प्रमुख कारण शहरीकरण है। खासकर मोबाइल टावरों से निकलने वाल...