कौशाम्बी, फरवरी 14 -- शब ए बारात का आलमे इस्लाम में महत्वपूर्ण स्थान है। इमाम मेहंदी (अ.स) के चाहने वालों ने उनकी विलादत पर आतिशबाजी कर जश्न मनाया। बुजुर्गों की कब्र पर फातिहा और कुरआन खानी के बाद महफिल का आयोजन किया गया। मौजूद शायरों ने इमाम की शान में कसीदे पढ़े। गुरुवार को माहे शाबान की 14 तारीख थी। यह तारीख आलमे इस्लाम में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है। 14 शाबान की रात गुजर जाने के बाद आखिरी इमाम हजरत मोहम्मद मेहंदी अलैहिस्सलाम की विलादत है। पूरी रात लोगों ने इमाम के विलादत की खुशी में जश्न मनाया। करारी के हजरतगंज वार्ड स्थित हुसैनिया शरीफबाद में जश्ने इंतेजार पर महफिल का आयोजन किया गया। महफिल की शुरुआत कुरआन पाक की तेलावत से मोहम्मद रजा ने की। इसके बाद शेरो शायरी का दौर शुरु हुआ। छोटे बच्चों ने भी इमाम की शान में कसीदे पढ़े। इसके ब...