नई दिल्ली, जनवरी 27 -- भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा रद्द करने के मामले में झारखंड सरकार की अपील खारिज नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए निषेधज्ञा लागू करने के लिए अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के दुरुपयोग पर गंभीर चिंता व्यक्त की। शीर्ष अदालत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए निषेधज्ञा लागू करने का चलन बन गया है। जस्टिस अभय एस. ओका अ्रौर उज्जल भुइयां की पीठ ने अप्रैल, 2023 में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प के मामले भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमा को रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ झारखंड सरकार की अपील को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के 14 अगस्त, 2024 के उस ...