मुजफ्फरपुर, नवम्बर 3 -- मुजफ्फरपुर, अजय कुमार पांडेय। आजकल राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में हिंसा और हत्या तक हो जाती है। पहले ऐसी घटनाएं बहुत कम होती थीं। हालांकि, तब भी चुनावी प्रचार को प्रभावित करने का प्रयास होता था। ऐसी ही एक घटना 1957 में सीतामढ़ी संसदीय चुनाव के दौरान हुई थी। वहां से चुनावी मैदान में उतरे आचार्य कृपलानी के चुनाव प्रचार को प्रभावित करने के लिए विरोधियों ने माइक का तार ही काट दिया था। हालांकि, इससे न तो वक्ता और न श्रोता पर कोई प्रभाव पड़ा। तब आज का सीतामढ़ी जिला और संसदीय क्षेत्र मुजफ्फरपुर जिले का हिस्सा हुआ करता था। मुजफ्फरपुर से ही काटकर 1972 में सीतामढ़ी नये जिले के तौर पर अस्तित्व में आया था। उन दिनों की याद करते हुए उत्तर बिहार के प्रसिद्ध पुरातत्वविद रामशरण अग्रवाल बताते हैं कि वे बैरगनिया के सर्वोदय गुरुकुल आश्र...