नई दिल्ली, नवम्बर 24 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टूटे या विफल प्रेम संबंधों को दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध का रंग देने को लेकर चिंता जताई। इसे परेशान करने वाली प्रवृत्ति करार देते हुए कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली का इस तरह से दुरुपयोग गंभीर चिंता का विषय है। इसकी निंदा की जानी चाहिए। एक कथित दुष्कर्म मामले में एफआईआर रद्द करते हुए, जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि हर बिगड़े रिश्ते को दुष्कर्म के अपराध में बदलना न केवल इस अपराध की गंभीरता को कम करता है, बल्कि आरोपी पर एक ऐसा कलंक लगाता है जो कभी मिट नहीं सकता। इस तरह से आरोपी के साथ घोर अन्याय होता है। कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म का अपराध सबसे गंभीर प्रकार का है। इसे केवल उन्हीं मामलों में लागू किया जाना चाहिए जहां वास्तविक यौन हिंसा, जबरदस्ती या स्वतंत्र सहमति का अभ...