प्रयागराज, सितम्बर 19 -- राजकीय महाविद्यालयों में 2016 में विनियमित हुए 290 संविदा शिक्षकों की पुरानी सेवाओं को भी कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (कैस) में जोड़ने को लेकर दो धड़े आमने-सामने आ गए हैं। विनियमित शिक्षकों का विरोध कर रहे गुट का दावा है कि पुरानी सेवाओं को जोड़कर सेवागत लाभ प्रदान करने से राजकोष पर लगभग 200 करोड़ रुपये का अनावश्यक वित्तीय भार पड़ेगा। साथ ही भविष्य में अनेक प्रकार की विभागीय विसंगतियां एवं अव्यवस्थाएं भी पैदा होंगी। लोक सेवा आयोग से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर का कहना है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इसी प्रकार के प्रकरण में निर्णय दिया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर की पदोन्नति में संविदा काल की सेवा को जोड़ना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश राजकीय महाविद्यालय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक...